Mahavari mejyada blooding kyon? महिलाओं के जीवन में महावारी अर्थात मासिक धर्म एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जो प्रतिमाह होती है। हालांकि, कई महिलाएँ सामान्य मात्रा से अधिक रक्तस्राव, जिसे “हेवी ब्लीडिंग” या “मेनोर्रजिया” कहा जाता है, का सामना करती हैं। जब मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव अत्यधिक और दीर्घकालिक होता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय बन सकता है।
इस लेख में, हम इस मुद्दे पर गहराई से चर्चा करेंगे कि महावारी के दौरान अधिक रक्तस्राव क्यों होता है। हम इसके संभावित कारणों, लक्षणों और प्रभावी घरेलू तथा चिकित्सीय उपचारों का भी ब्योरा प्रस्तुत करेंगे।
Mahavari mejyada blooding kyon? महावारी के दौरान अधिक रक्तस्राव के कई संभावित कारण होते हैं, जो हार्मोनल असंतुलन से लेकर गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों तक फैले होते हैं। आइए इन कारणों पर विस्तार से चर्चा करें:
1 हार्मोनल असंतुलन
मासिक धर्म का चक्र मुख्य रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोंस द्वारा नियंत्रित होता है। यदि इन हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है, तो यह अत्यधिक रक्तस्राव का कारण बन सकता है। यह स्थिति अक्सर किशोरावस्था, प्रसव के बाद या रजोनिवृत्ति के समय अधिक देखी जाती है।
2 गर्भाशय फाइब्रॉइड
गर्भाशय में पाए जाने वाले ये गांठें सामान्यतः गैर-सरकारी होती हैं, लेकिन वे मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव को बढ़ा सकती हैं और साथ ही दर्द भी उत्पन्न कर सकती हैं।
3 पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
यह एक हार्मोनल विकार है, जो अनियमित महावारी और अधिक रक्तस्राव का कारण बनता है।
4 एंडोमेट्रियोसिस
इस स्थिति में, गर्भाशय की आंतरिक परत (एंडोमेट्रियम) गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगती है, जिससे मासिक धर्म के समय भारी रक्तस्राव का अनुभव हो सकता है।
इन कारणों के आलावा, अन्य चिकित्सीय समस्याएँ भी इस प्रकार के लक्षण उत्पन्न कर सकती हैं। यदि आप अत्यधिक रक्तस्राव का अनुभव कर रहे हैं, तो उचित चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है।
महावारी के दौरान अधिक रक्तस्राव के संकेत
यदि आपकी मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या उत्पन्न हो रही है, तो निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
✅ बार-बार पैड या टैम्पोन बदलने की आवश्यकता
✅ 7 दिनों से अधिक कालावधि तक रक्तस्राव होना
✅ मासिक धर्म के दौरान रक्त के थक्के का आना
✅ कमजोरी, चक्कर आना और रक्त की कमी के लक्षण
✅ तीव्र पेट दर्द और ऐंठन का अनुभव होना
महावारी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए कुछ प्रभावी घरेलू और चिकित्सा उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
घरेलू उपचार
1 अजवाइन और गुड़ की चाय
अजवाइन का पानी और गुड़ रक्त संचार को संतुलित करने में मदद करते हैं और हार्मोनों के स्तर को नियंत्रित करते हैं।
2 तिल और शहद
तिल के बीजों का सेवन शहद के साथ करने से मासिक धर्म में रक्तस्राव को संतुलित करने में सहायता मिलती है।
3 पपीता और अनार
ये फल गर्भाशय की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करते हैं और रक्तस्राव को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
4 दालचीनी और शहद
दालचीनी मासिक धर्म में ऐंठन को कम करने और अत्यधिक रक्तस्राव को रोकने में सहायक होती है।
5 ठंडा दूध
यदि रक्तस्राव अधिक है, तो ठंडा दूध पीने से आराम मिल सकता है।
इन उपायों के साथ-साथ, यदि समस्या गंभीर हो, तो एक चिकित्सक से परामर्श करना न भूलें।
चिकित्सीय उपचार
यदि घरेलू उपाय प्रभावी नहीं हैं, तो चिकित्सक से सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। चिकित्सक निम्नलिखित उपचारों की सिफारिश कर सकते हैं:
✅ हार्मोनल थेरेपी – एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को संतुलित करने के लिए हार्मोनल चिकित्सा की जा सकती है।
✅ लोहे का सप्लीमेंट – खून की कमी, जिसे एनीमिया कहा जाता है, के उपचार में सहायता के लिए।
✅ गर्भनिरोधक गोलियाँ – मासिक धर्म के नियमितीकरण के लिए उपयोगी।
✅ आईयूडी (IUD) का सावधानीपूर्वक उपयोग – कुछ महिलाओं में आईयूडी के कारण अत्यधिक ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।
✅ सर्जरी – गंभीर स्थितियों में, फाइब्रॉइड को हटाने के लिए शल्य चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है।
कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए?
यदि आप निम्नलिखित समस्याओं का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है:
⚠️ यदि रक्तस्राव 7 दिनों से अधिक समय तक जारी है
⚠️ यदि बड़े रक्त थक्के उत्पन्न हो रहे हैं
⚠️ यदि आप अत्यधिक थकान या चक्कर महसूस कर रहे हैं
⚠️ यदि पेट या श्रोणि क्षेत्र में तीव्र दर्द हो रहा है
निष्कर्ष
महावारी के दौरान अधिक रक्तस्राव होने के कई संभावित कारण हैं, जिनमें हार्मोनल असंतुलन, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS), फाइब्रॉइड्स, या अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हो सकती हैं। यदि यह समस्या बार-बार उत्पन्न हो रही है, तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए और उचित चिकित्सीय मार्गदर्शन अवश्य प्राप्त करना चाहिए।
एक स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और संतुलित जीवनशैली अपनाकर आप अपनी महावारी को नियमित रख सकती हैं। यदि स्थिति में वृद्धि होती है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना और सही उपचार करवाना अनिवार्य है।
