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Minerals kya hain ?

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Minerals kya hain ? खनिज (Minerals) वे प्राकृतिक, अकार्बनिक ठोस पदार्थ होते हैं जिनकी विशेष रासायनिक संरचना और आंतरिक क्रिस्टलीय व्यवस्था होती है। ये पृथ्वी की सतह के साथ-साथ इसकी आंतरिक परतों में मौजूद होते हैं और हमारे जीवन के लिए अत्यधिक आवश्यक हैं। खनिजों का उपयोग विभिन्न उद्योगों, कृषि, चिकित्सा, और दैनिक गतिविधियों में किया जाता है।

खनिजों की परिभाषा
खनिज ऐसे तत्व या यौगिक होते हैं, जो पृथ्वी की भूगर्भीय प्रक्रियाओं के माध्यम से स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होते हैं। ये ठोस पदार्थ होते हैं और इनमें विशेष क्रिस्टलीय संरचना होती है। खनिजों का गठन ज्वालामुखीय गतिविधियों, अवसादी प्रक्रियाओं और चट्टानों के परिवर्तन के दौरान होता है।
खनिजों के प्रकार
खनिजों को उनके रासायनिक संयोजन और भौतिक विशेषताओं के आधार पर कई श्रेणियों में विभाजित किया जाता है।
1 धात्विक खनिज (Metallic Minerals)
धात्विक खनिजों में मेतालों की उपस्थिति होती है और ये औद्योगिक उत्पादन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये विद्युत एवं ऊष्मा के प्रभावी चालक माने जाते हैं।
उदाहरण के लिए:
. लौह अयस्क (Iron Ore): हेमेटाइट, मैग्नेटाइट
. तांबा (Copper): चैलकोपाइराइट
. सोना (Gold): नैटिव गोल्ड
. एल्युमिनियम (Aluminum): बॉक्साइट
2 अधात्विक खनिज (Non-Metallic Minerals)
इन खनिजों में धातुओं का अभाव होता है, फिर भी ये विभिन्न उद्योगों में अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं।
उदाहरण:
. चूना पत्थर (Limestone): सीमेंट उद्योग में प्रयोग किया जाता है
. जिप्सम (Gypsum): प्लास्टर ऑफ पेरिस के उत्पादन में
. क्वार्ट्ज (Quartz): कांच निर्माण में
. मिका (Mica): विद्युतीय उपकरणों में उपयोग होता है
3 ऊर्जा खनिज (Energy Minerals)
इन खनिजों का मुख्य रूप से ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है।
उदाहरण के तौर पर:
. कोयला (Coal)
. पेट्रोलियम (Petroleum)
. प्राकृतिक गैस (Natural Gas)
. यूरेनियम (Uranium): परमाणु ऊर्जा उत्पादन में उपयोग किया जाता है
खनिजों के भौतिक और रासायनिक गुण Minerals kya hain ?
खनिजों के विभिन्न भौतिक और रासायनिक गुण होते हैं, जिनका उपयोग इनकी पहचान में किया जाता है।
भौतिक गुण:
1 रंग खनिजों का प्राकृतिक रंग उनकी पहचाने जाने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।1
2 स्फटिकीय संरचना: खनिजों की आंतरिक संरचना विशिष्ट और निश्चित होती है।
3 कठोरता: मोस स्केल के अनुसार खनिजों की कठोरता को मापा जाता है।
4 भंगुरता: जब खनिज टूटते हैं, तो वे विभिन्न प्रकार की संरचनाएँ उत्पन्न करते हैं।
5 अपारदर्शिता: कुछ खनिज पारदर्शी होते हैं, जबकि अन्य अपारदर्शी होते हैं।
रासायनिक गुण:
1 घुलनशीलता: कुछ खनिज पानी या अन्य रसायनों में घुलने की विशेषता रखते हैं।
2 अम्ल-क्षार प्रतिक्रिया: कुछ खनिज अम्ल या क्षार के साथ प्रतिक्रिया करते हैं।
3 संयोजन: खनिजों का रासायनिक संघटन विभिन्न तत्वों से मिलकर होता है।
खनिजों का महत्व
खनिजों का उपयोग कई क्षेत्रों में किया जाता है, जिनमें प्रमुख हैं:
. औद्योगिक क्षेत्र में उपयोग:
. लौह अयस्क का प्रयोग इस्पात निर्माण में किया जाता है।
. एल्युमिनियम का उपयोग एयरोस्पेस उद्योग में महत्वपूर्ण है।
खनिजों का खनन और संरक्षण
खनिजों का खनन विभिन्न तरीकों से, जैसे कि सतही या भूमिगत विधियों द्वारा किया जाता है। हालाँकि, यदि इनका दोहन अनियंत्रित तरीके से किया जाए, तो यह पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, खनिजों के संरक्षण के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय किए जाने चाहिए, जिनमें शामिल हैं:
1 पुनर्चक्रण: खनिजों का पुनर्चक्रण करने से नए संसाधनों की आवश्यकता कम होती है और अपशिष्ट भी घटता है।
2 वैकल्पिक संसाधनों का उपयोग: प्राकृतिक खनिजों की जगह वैकल्पिक और नवीकरणीय संसाधनों को अपनाना चाहिए।
3 पर्यावरण अनुकूल खनन तकनीकों का प्रयोग: ऐसे खनन तरीकों का चयन करना चाहिए जो पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुँचाएं और स्थायी विकास को बढ़ावा दें।
निष्कर्ष
खनिज हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इनका विभिन्न उद्योगों, कृषि, तथा चिकित्सा में व्यापक उपयोग होता है। सतत खनिज दोहन के दुष्प्रभावों से बचने और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए, इनका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।
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